Rajasthan Vision 2030 :- जयपुर में सखी सम्मेलन में एक ऐतिहासिक संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2030 तक राजस्थान में महिला सशक्तिकरण के लिए अपनी दूरदर्शी योजना का अनावरण किया। इसके प्रति गहलोत की प्रतिबद्धता अटूट है और वह एक ऐसा भविष्य देखते हैं जहां महिलाएं राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। चलिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 तक महिला सशक्तिकरण के विजन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
घोषणाओं से आगे बढ़कर एक नई शुरुआत करेंगे अशोक गहलोत
सीएम गहलोत ने महज घोषणाओं से ज्यादा काम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शुरुआत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि वादे करने से हटकर राजस्थान के उज्जवल भविष्य की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी से वास्तविक प्रगति की ओर प्रस्थान करने का ठान लिया है।
सीएम ने महिलाओं को मजबूत करने की ठान ली
सीएम अशोक गहलोत ने महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आप मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा। इससे राजस्थान में महिलाएं केवल सहायता प्राप्त नहीं करेगी बल्कि राज्य के विकास में सक्रिय भाग लेगी।
Rajasthan Vision 2030 – अशोक गहलोत का चुनाव और उसके बाद का क्या प्लान है
गहलोत ने स्वीकार किया कि चुनावों में अक्सर घोषणाओं की झड़ी लग जाती है लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका दृष्टिकोण राजनीतिक अभियानों से परे है। उन्होंने संकेत दिया कि अब समय आ गया है कि अपना ध्यान वादे करने से हटाकर उन नीतियों को लागू करने पर लगाया जाए जो Rajasthan Vision 2030 में महिलाओं के लिए उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
गारंटी कार्ड बांटे जाएंगे
मुख्यमंत्री द्वारा की गई महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक 20 अगस्त को होने वाले गारंटी कार्ड का शुभारंभ था। इस पहल का उद्देश्य लाभार्थी कार्ड के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। गारंटी कार्ड राज्य भर में महिलाओं के लिए गेम-चेंजर साबित होने का वादा करता है।
फ्री स्कूटर दिया जाएगा
महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देने के लिए गहलोत ने एक करोड़ महिलाओं को मुफ्त स्कूटर प्रदान करने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की। यह कदम केवल परिवहन के बारे में नहीं है बल्कि महिलाओं के लिए अपनी आकांक्षाओं को बिना किसी बाधा के आगे बढ़ाने की आजादी का भी प्रतीक है।
महंगाई राहत कैंप का आयोजन किया
सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाए हैं। महंगाई राहत शिविरों के माध्यम से दस अलग-अलग योजनाएं पेश की गई है। ये शिविर महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में काम करेंगे, उनकी भलाई हेतु काम करेंगे और जरूरत पड़ने पर सहायता प्रदान करेंगे।
राजस्थान में महिलाओं की प्रगति
गहलोत ने गर्व से बताया कि राजस्थान में महिलाएं कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। उनकी उल्लेखनीय प्रगति उनके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। राज्य में महिलाएं यह साबित कर रही हैं कि वे जिस भी क्षेत्र में जाना चाहें उसमें उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं।
महिलाओं ने पुरानी प्रथाओं को तोड़ा
मुख्यमंत्री ने कहानियाँ साझा करते हुए कहा कि कैसे महिलाओं ने विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रूढ़िवादिता को तोड़ा है। अतीत में जब महिलाएं सरपंच बनती थीं तो उनके पति अक्सर प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ संभालते थे। हालांकि समय के साथ इन महिलाओं ने उन्हें सौंपी गई पारंपरिक भूमिकाओं को चुनौती देते हुए कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है।
राजस्थान में महिलाओं के प्रति समाज की बदली मानसिकता
गहलोत ने स्वीकार किया कि सांस्कृतिक मानदंडों ने अक्सर कई गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी को बाधित किया है। यह एक सांस्कृतिक आदर्श रहा है कि महिलाएं पुरुषों की सहमति के बिना काम नहीं करतीं। हालांकि उन्होंने मानसिकता में धीरे-धीरे बदलाव पर प्रकाश डाला जहाँ महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में अधिक जागरूक हो रही हैं और सक्रिय रूप से अपनी शक्तियों का उपयोग कर रही हैं। साफ शब्दों में कहे तो अशोक गहलोत कहना चाहते हैं कि अब महिलाएं घूंघट प्रथा को त्याग कर पुरुषों की तरह विकास के पथ पर काम करने लगी है।
Rajasthan Vision 2030 – विकसित राजस्थान के लिए महिलाओं के विचार मायने रखते हैं
सीएम गहलोत ने Rajasthan Vision 2030 के तहत राज्य के विकास के लिए जनता के इनपुट के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं को 2030 तक राजस्थान को एक विकसित राज्य बनाने के बारे में अपने सुझाव और विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि राज्य के विकास हेतु महिलाओं की आवाज़ सुनी जाए और उन पर विचार किया जाए।